कहा गया है कि भगवान राम का राज्य माता सीता के पाद के समान है, जिसमें कोई भी अवगुण नहीं है। जब किसी व्यक्ति भगवान हनुमान के नाम को सुनता है, तो वह अपने स्वार्थ को छोड़ देता है, जैसा कि संत तुलसीदास ने किया।
Hanuman's devotion to Lord Rama teaches us about faith, selflessness, and serving others. His example inspires us to transcend doubt and despair, finding purpose in love and dedication.