कहा गया है कि भगवान राम अपने राज्य में दया और कृपा से नियम करते हैं, और उनका अभिमान उनके आत्मसम्मान से होता है। उनके वचन और विचार सभी को ज्ञात हैं, और वे सभी पर ध्यान देते हैं।
As we reflect on Rama's exile into the forest, we are reminded of the journey marked by sacrifice and resilience. Amid life's uncertainties and challenges, Rama's steadfast commitment to duty and honor becomes a beacon of hope.